शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

असरदार हुआ ‘कंट्रोल एम.एम.आर.पी’ अभियान




प्रेस विज्ञप्ति

348 जरूरी दवाइयां हुयीं सस्ती!

दवा कंपनियों द्वारा आम लोगों को लगातार लूटे जाने की खबर के बीच में एक थोड़ी सी राहत भरी खबर आई है।
स्वयंसेवी संस्था प्रतिभा-जननी सेवा संस्थान द्वारा चलाए जा रहे नेशनल कैंपेन कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस ‘कंट्रोल एम.एम.आर.पी’ के दबाव में आखिरकार राष्ट्रीय दवा नीति-2011 को ग्रुप्स ऑफ मिनिस्टर्स ने अपनी मंजूरी दे दी है। शरद पवार की अध्यक्षता में ग्रुप्स ऑफ मिनिस्टर्स ने अपने अनुमोदन के साथ इस ड्राफ्ट को कैबिनेट के पास भेजा दिया है। सरकार के इस फैसले 348 जरूरी दवाइयों के दाम कंट्रोल किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि इसके पूर्व महज 74 दवाइयों का ही मूल्य नियंत्रित किया गया था। कंट्रोल एम.एम.आर.पी अभियान चलाने वाली गैर सरकारी संस्था प्रतिभा जननी सेवा संस्थान के नेशनल को-आर्डिनेटर आशुतोष कुमार सिंह ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह फैसला सराहनीय है लेकिन अभी भी ऊंट के मुंह में जीरा के समान ही है।

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